Friday 11 January 2019

बीत गये दिन भजन बिना रे

बीत गये दिन भजन बिना रे। 
भजन बिना रे  भजन बिना रे॥ 

बाल अवस्था खेल गँवायो।
जब यौवन तब मान घना रे॥

लाहे कारण मूल गँवायो।
अजहुं न गयी मन की तृष्णा रे॥

कहत कबीर सुनो भाई साधो।
पार उतर गये संत जना रे॥

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