गुरु मोहे अपना रूप दिखाओ, गुरु मोहे अपना रूप दिखाओ,
यह तो रूप धरा तुम सरगुन, जीव उवार कराओ,
रूप तुम्हारा अगम अपारा, सोइ अब दर्शाओ,
देखूं रूप मगन होये बैठूँ, अभय दान दिलवाओ,
यह भी रूप प्यारा मोको, इस ही से उसको समझाओ,
बिन इस रूप काज नहीं होइ, कियों कर वही लखवाओ,
ता ते महिमा भरी इसकी, पर वह भी लखवाओ,
वह तो रूप सदा तुम धारो, या ते जीव जगाओ,
यह भी भेद सुना में तुमसे, सूरत शबद मारग नित गाओ,
शबद रूप जो रूप तुम्हारा, वा में भी अब सूरत पठाओ,
डरता रहूं मौत और दुःख से, निर्भय कर अब मोहे छुड़ाओ,
दिन दयाल जीव हितकारी, राधा स्वामी काज बनाओ,
दिन दयाल जीव हितकारी, राधा स्वामी काज बनाओ,
यह तो रूप धरा तुम सरगुन, जीव उवार कराओ,
रूप तुम्हारा अगम अपारा, सोइ अब दर्शाओ,
देखूं रूप मगन होये बैठूँ, अभय दान दिलवाओ,
यह भी रूप प्यारा मोको, इस ही से उसको समझाओ,
बिन इस रूप काज नहीं होइ, कियों कर वही लखवाओ,
ता ते महिमा भरी इसकी, पर वह भी लखवाओ,
वह तो रूप सदा तुम धारो, या ते जीव जगाओ,
यह भी भेद सुना में तुमसे, सूरत शबद मारग नित गाओ,
शबद रूप जो रूप तुम्हारा, वा में भी अब सूरत पठाओ,
डरता रहूं मौत और दुःख से, निर्भय कर अब मोहे छुड़ाओ,
दिन दयाल जीव हितकारी, राधा स्वामी काज बनाओ,
दिन दयाल जीव हितकारी, राधा स्वामी काज बनाओ,
No comments:
Post a Comment