Wednesday 9 January 2019

आ मिल यार सार ले मेरी (कलाम ए बुल्ले शाह)

आ मिल यार सर ले मेरी
मेरी जान दुखन ने घेरी

अंधेर ख्वाब विचोरा होया, खैबर न पिंडी तेरी
संजी बिन विच लुटि सयानन, सुर पलंग ने गहि

मुल्ला क़ाज़ी रह बटावां, दीन भरम दे फेरे
एह तँ ठग जगत दे जियोर, लॉन जायल चोपेरे

करम शर दे दे बरमन, संगल पावन पेरिन
ज़ात मज़हब एह इसहाक न पुछदा, इश्क़ शर दा वरी

नदियॉं पारे मुलक सजन दा, लहेर लोभ न गारी
सतगोर बेर फारी खलोटे, तैं कीन लाई आवेरी

बुल्लाह शाह, शोह दसूएन मिल्सी, दिल नोन डे दलेरी
पीटुम पस, ते तोलना किस नू, भुल गियूं शकर दोपहरी

आ मिल यार सर ले मेरी
मेरी जान दुखा न गारी

No comments:

Post a Comment